वर्तमान समय में श्री Rambhadracharya Hanuman Chalisa काफी चर्चा में है। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी द्वारा श्रीमद गोस्वामी तुलसीदास जी कृत श्री हनुमान चालीसा में चार शाब्दिक त्रुटियों को प्रकट किया था। उन्होंने कहा कि 6वीं, 27वीं, 32वीं और 38वीं चौपाई में गलत छपा हुआ है, जिसे अब ठीक किया जाना चाहिए। हम आपके लिए जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी द्वारा बताई त्रुटियों को सही करके श्री हनुमान चालीसा लेकर आये है।
नोट: ऊपर दिए गए हनुमान चालीसा में जो शब्द हाईलाइट किये गए है, यह शब्द जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी द्वारा बताई गई हनुमान चालीसा में त्रुटियों वाले शब्दों को हटाकर उनके स्थान पर श्री रामभद्राचार्य जी द्वारा बताए गए सही शब्द है।
हनुमान चालीसा का पाठ करने की विधि | Hanuman Chalisa Path Karne KI Vidhi
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक कार्यों जैसे शौच, दातुन आदि से निवृत्त हो जाएं।
स्नान करने के बाद धुले हुए वस्त्र धारण करें। पिछले दिन पहने हुए वस्त्र या शौच आदि में प्रयोग किये वस्त्र को दोबारा न धारण करें।
चौकी सजाएं और उस पर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
चौकी पर भगवान श्रीराम और माँ सीता की तस्वीर भी रखें। अगर राम दरबार है तो और भी उत्तम है।
हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष तांबे या पीतल के लोटे में गंगाजल मिला हुआ पानी भरकर रखें। लाल रंग के फूल हनुमान जी को अर्पित करें।
हनुमान चालीसा शुरू करने से पहले दीप प्रज्ज्वलित ज़रूर करें। दीप में देसी गाय का घी या चमेली के तेल प्रयोग करें।
हनुमान चालीसा का पाठ मध्यम स्वर में बोलकर करना चाहिए, आवाज न ज्यादा ऊंची हो और न ही बिल्कुल मंद हो।
पाठ का उच्चारण सुमधुर, स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए।
पाठ पूरा करने के बाद बजरंगबली को गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं।
हनुमान चालीसा पाठ करने के नियम | Hanuman Chalisa Path Karne Ke Niyam
हनुमान चालीसा का पाठ जमीन पर आसन के ऊपर बैठकर करना चाहिए। बिना आसन के बैठकर पूजा करना अशुभ माना जाता है।
पाठ आप सुबह या शाम के वक्त कर सकते हैं। अगर शाम के समय में पाठ कर रहे हैं तो अपने हाथ और पैर अच्छी तरह धोकर साफ कपड़े पहनने चाहिए।
हनुमान चालीसा पढ़ने में जल्दबाजी न करें।
मांस और शराब के सेवन से दूर रहें। मांस, शराब और अन्य तामसिक खाद्य पदार्थों को कभी ग्रहण न करें।
अगर लहसुन और प्याज का सेवन भी नहीं करते है तो और भी उत्तम है।
महिलाएं मासिक धर्म के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ न करें।
जिस भी जगह पाठ कर रहे हैं जैसे कि मंदिर या अपने घर के पूजा स्थल में या किसी तीर्थ क्षेत्र में तो पहले उस स्थान की साफ सफाई और पवित्रता पर अवश्य ध्यान दें।
हनुमान चालीसा पाठ करने के लाभ | Benefits of Reading Hanuman Chalisa
प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन शांत होता है और आध्यात्मिक बल मिलता है जिससे मनोबल बढ़ता है। श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से जो अद्भुत लाभ प्राप्त होते है उनका विवरण स्वयं हनुमान चालीसा में दिया गया है।
प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से बल, बुद्धि और स्मरण शक्ति में अद्भुत विकास होता है और जीवन से गलत विचार, गृह क्लेश आदि से छुटकारा मिलता है।
“बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।”
प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख की प्राप्ति होती और अकारण भय दूर होता है।
किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा, भूत, प्रेत-बाधा से छुटकारा मिलता है।
“ भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै॥ ”
प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से हर तरह के रोग से आराम मिलता है। हनुमान जी की कृपा से हर तरह की पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
“ नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥ ”
प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से हर तरह के संकट भले ही वह आर्थिक हो, न्यायिक हो , प्राणो का हो से छुटकारा मिलता है।
“ संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥ ” “ संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ ”
श्री हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से किसी भी तरह की बाधा हो, बीमारी हो, प्रेत-बाधा का साया हो या फिर मानसिक परेशानी से हमें छुटकारा मिलता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
“ यह सत बार पाठ कर जोई। छूटहि बंदि महा सुख होई॥ ”
श्री हनुमान चालीसा का नित्य प्रतिदिन पाठ करने से हमें जीवन में सफलता जरूर मिलती है। स्वयं श्री हनुमान चालीसा में लिखा है की भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है कि जो इसे पढ़ेगा वह निश्चित ही सफलता प्राप्त करेगा।
“ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ ”
दोनों शब्द बिल्कुल सही है। हो सकता है आपने किसी लोकल Publisher द्वारा प्रकाशित श्री हनुमान चालीसा को पढ़ा है, जिनमे बहुत ज्यादा त्रुटि होती है। शुद्ध हनुमान चालीसा के लिए गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित श्री हनुमान चालीसा ही पढ़े या हमारी वेबसाइट https://www.vedicvishav.com पर visit करें। आपके comment के लिए आभार 🙏
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महोदय पुरातन छपे ग्रंथों में श्री हनुमान चालीसा में लषन ही लिखा है जिसे सरलता के लिए लखन कर दिया गया है। इसलिए दोनों सही है। जिसे update कर दिया गया है। आपके comment के लिए धन्यवाद 🙏
Or bhi kuch ward correct krna chahiye
Jash ki jagah pr yash aayenga
Or jojan ki jagah yogan aayenga
दोनों शब्द बिल्कुल सही है। हो सकता है आपने किसी लोकल Publisher द्वारा प्रकाशित श्री हनुमान चालीसा को पढ़ा है, जिनमे बहुत ज्यादा त्रुटि होती है। शुद्ध हनुमान चालीसा के लिए गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित श्री हनुमान चालीसा ही पढ़े या हमारी वेबसाइट https://www.vedicvishav.com पर visit करें। आपके comment के लिए आभार 🙏
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Jash ki jagah pr yash aayenga
Or jojan ki jagah yojan aayenga
दोनों शब्द बिल्कुल सही है। हो सकता है आपने किसी लोकल Publisher द्वारा प्रकाशित श्री हनुमान चालीसा को पढ़ा है, जिनमे बहुत ज्यादा त्रुटि होती है। शुद्ध हनुमान चालीसा के लिए गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित श्री हनुमान चालीसा ही पढ़े या हमारी वेबसाइट https://www.vedicvishav.com पर visit करें। आपके comment के लिए आभार 🙏
राम लखन सीता मन बसिया
आपने लिखा
राम लषन सीता मन बसिया॥
महोदय पुरातन छपे ग्रंथों में श्री हनुमान चालीसा में लषन ही लिखा है जिसे सरलता के लिए लखन कर दिया गया है। इसलिए दोनों सही है। जिसे update कर दिया गया है। आपके comment के लिए धन्यवाद 🙏
yah sat bar path kar “joi” hona chaiye. isse correct kar dijiye,
yeh abhi bhi “koi” hai.
धन्यवाद जी… 🙏