श्री हनुमान जी के सभी पाठों में से बजरंग बाण पाठ सबसे शक्तिशाली पाठ है। बजरंग बाण पाठ हमें घोर से घोर संकट से उबारता है। कहा जाता है कि बजरंग बाण पाठ में हनुमान जी 5 बार शपथ दी गई है। इसलिए इसका पाठ हमें तभी करना चाहिए जब जीवन में घोर संकट छाया हो, प्राण जाने का भय हो, कोई लाइलाज बीमारी हो जाये।
बजरंग बाण पाठ | Bajrang Baan Lyrics
बजरंग बाण | Bajrang Baan
॥ श्रीहनुमते नमः ॥ बजरंग बाण दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान। तेहिं के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
॥ चौपाई ॥ |
जय हनुमान सन्त हितकारी। | सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ |
जन के काज बिलम्ब न कीजै। | आतुर दौरि महासुख दीजै॥ |
जैसे कूदि सिन्धु के पारा। | सुरसा बदन पैठि विस्तारा॥ |
आगे जाय लंकिनी रोका। | मारेहु लात गई सुरलोका॥ |
जाय विभीषण को सुख दीन्हा। | सीता निरखि परम पद लीन्हा॥ |
बाग उजारि सिन्धु महं बोरा। | अति आतुर यमकातर तोरा॥ |
अक्षय कुमार मार संहारा। | लूम लपेटि लंक को जारा॥ |
लाह समान लंक जरि गई। | जय-जय धुनि सुर-पुर में भई॥ |
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। | कृपा करहु प्रभु अन्तरयामी॥ |
जय-जय लक्षमण प्राण के दाता। | आतुर होइ दुख करहु निपाता॥ |
जय हनुमान जयति बल सागर। | सुर समूह समरथ भटनागर॥ |
ॐ हनु हनु हनुमन्त हठीले। | बैरिहि मारु वज्र की कीले॥ |
गदा वज्र लै बैरिहिं मारौ। | महाराज निज दास उबारौ॥ |
सुनि हुंकार हुंकार दै धावौ। | वज्र गदा हनु विलम्ब न लावौ॥ |
ॐ ह्नीं ह्नीं हनुमन्त कपीसा। | ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥ |
सत्य होय हरि शपथ पायके। | रामदूत धरु मारु धायके॥ |
जय जय जय हनुमन्त अगाधा। | दुख पावत जन केहि अपराधा॥ |
पूजा जप तप नेम अचारा। | नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥ |
वन उपवन मग गिरि गृह मांही। | तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥ |
पायं परौं कर जोरि मनावौं। | अपने काज लागि गुण गावौं॥ |
जय अन्जनी कुमार बलवन्ता। | शंकर सुवन बीर हनुमन्ता॥ |
बदन कराल काल कुल घालक। | राम सहाय सदा प्रतिपालक॥ |
भूत, प्रेत, पिसाच, निसाचर। | अग्नि बेताल काल मारी मर॥ |
इन्हें मारु तोहि सपथ राम की। | राखु नाथ मर्याद नाम की॥ |
जनकसुतापति-दास कहावौ। | ताकी सपथ विलम्ब न करो लावौ॥ |
जय-जय-जय धुनि होत आकाशा। | सुमिरत होय दुसह दुख नाशा॥ |
शरण शरण करि तोहि मनावौं। | एहि अवसर अब केहि गुहरावौं॥ |
उठु उठु चलु ताहि राम दोहाई। | पाय परौं कर जोरि मनाई॥ |
ॐ चं चं चं चपल चलन्ता। | ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥ |
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल। | ॐ सं सं सहमि पराने खलदल॥ |
अपने जन को तुरत उबारौ। | सुमिरत होत आनन्द हमारो॥ |
यह बजरंग बाण जेहि मारे। | ताहि कहौ फिर कौन उबारे॥ |
पाठ करै बजरंग बाण को। | हनुमत रक्षा करें प्राणको॥ |
यह बजरंग बाण जो जापै। | ताही भूत प्रेत सब कापैं॥ |
धूप देय अरु जपै हमेशा। | ताके तन नहि रहै कलेशा॥ |
दोहा प्रेम प्रतीति धरि कपि भजें, सदा धरै उरध्यान । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ ॥ इति ॥
बजरंग बाण पाठ करने की विधि | Bajrang Baan Path Karne Ki Vidhi
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक कार्यों जैसे शौच, दातुन आदि से निवृत्त हो जाएं।
- स्नान करने के बाद धुले हुए वस्त्र धारण करें। पिछले दिन पहने हुए वस्त्र या शौच आदि में प्रयोग किये वस्त्र को दोबारा न धारण करें।
- चौकी सजाएं और उस पर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- चौकी पर भगवान श्रीराम और माँ सीता की तस्वीर भी रखें। अगर राम दरबार है तो और भी उत्तम है।
- हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष तांबे या पीतल के लोटे में गंगाजल मिला हुआ पानी भरकर रखें। लाल रंग के फूल हनुमान जी को अर्पित करें।
- बजरंग बाण शुरू करने से पहले दीप प्रज्ज्वलित जरूर करें। दीप में देसी गाय का घी या चमेली के तेल प्रयोग करें।
- बजरंग बाण का पाठ मध्यम स्वर में बोलकर करना चाहिए, आवाज न ज्यादा ऊंची हो और न ही बिल्कुल मंद हो।
- पाठ का उच्चारण सुमधुर, स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए।
- पाठ पूरा करने के बाद बजरंगबली को गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं।
बजरंग बाण पाठ करने के नियम | Bajrang Baan Path Karne Ke Niyam
- बजरंग बाण का पाठ जमीन पर आसन के ऊपर बैठकर करना चाहिए। बिना आसन के बैठकर पूजा करना अशुभ माना जाता है।
- पाठ आप सुबह या शाम के वक्त कर सकते हैं। अगर शाम के समय में पाठ कर रहे हैं तो अपने हाथ और पैर अच्छी तरह धोकर साफ कपड़े पहनने चाहिए।
- बजरंग बाण पढ़ने में जल्दबाजी न करें।
- मांस और शराब के सेवन से दूर रहें। मांस, शराब और अन्य तामसिक खाद्य पदार्थों को कभी ग्रहण न करें।
- अगर लहसुन और प्याज का सेवन भी नहीं करते है तो और भी उत्तम है।
- महिलाएं मासिक धर्म के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ न करें।
- जिस भी जगह पाठ कर रहे हैं जैसे कि मंदिर या अपने घर के पूजा स्थल में या किसी तीर्थ क्षेत्र में तो पहले उस स्थान की साफ सफाई और पवित्रता पर अवश्य ध्यान दें।
बजरंग बाण पाठ करने के लाभ | Benefits of Reading Bajrang Baan
प्रतिदिन बजरंग बाण पाठ करने से मन शांत होता है और आध्यात्मिक बल मिलता है जिससे मनोबल बढ़ता है। बजरंग बाण पाठ करने से अद्भुत लाभ प्राप्त होते है।
- प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करने से असाध्य से असाध्य रोग में लाभ मिलता है।
- अगर किसी के प्राण संकट में हो या जान जाने का खतरा हो तो बजरंग बाण पाठ से प्राणों का खतरा दूर होता है।
- किसी भूत-प्रेत बाधा की जकड़ में बहुत बुरी तरह फसे हो और कही से कोई उपाय न हो रहा है तो बजरंग बाण के पाठ से छुटकारा मिलता है।
- बजरंग बाण पाठ को शत्रु पराजय मंत्र के रूप में भी माना जाता है। बजरंग बाण का नियमित पाठ व्यक्ति को शत्रु पर विजय दिलाता है और शत्रु के द्वारा रचे गए सभी षड्यंत्रों को विफल करता है।
- अगर किसी को बिना किसी दोष के जेल जाने का योग बन रहा हो, या फिर कोई निर्दोष संबंधी जेल में बंद हो तो उसे मुक्त कराने के लिए बजरंग बाण पाठ बहुत प्रभावी होता है।