Shree Ram Stuti सनातन धर्म में एक अत्यंत पूजनीय, भावपूर्ण और प्रतिष्ठित स्थान रखती है, जो भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान करती है। इस स्तुति के द्वारा भगवान श्री राम के मनमोहक रूप, शारीरिक सौंदर्य, अतुलनीय बल, गुणों और दयालुता आदि की प्रशंसा की गयी है।
Shree Ram Stuti | श्री राम स्तुति
Shree Ram Stuti स्तुति भक्तों द्वारा श्री राम के प्रति श्रद्धा, प्रेम और समर्पण भाव से गाई जाती है। इसलिए यह स्तुति पड़ने वाले भक्तों को अपार शांति, मन की शुद्धता और जीवन में खुशियां प्रदान करती है। यह स्तुति हमारे जीवन में ह्रदय के अंदर दिव्य करुणा और आत्मिक शांति के भाव को जागृत करती है।
श्री राम स्तुति क्या है? | What is Shree Ram Stuti?
स्तुति का अर्थ होता है गुणगान करना और Shree Ram Stuti (श्री राम स्तुति) में भगवान श्री राम की महिमा का गुणगान किया गया है। श्री राम त्रेता युग में भगवान विष्णु के सातवें अवतार और मर्यादा पुरुषोत्तम के प्रतीक हैं। इस स्तुति में श्री राम के दिव्य सदगुणों, आदर्शों और दयालु स्वभाव की स्तुति की गयी है।
Shree Ram Stuti के रचयिता श्री गोस्वामी तुलसीदास जी है, जो की 16वीं शताब्दी के महान संत-कवि और श्री राम के अनन्य भक्त थे। यह स्तुति तुलसीदास जी के द्वारा रचित महान कृति, विनय पत्रिका से ली गयी है। यह स्तुति संस्कृत और अवधी भाषाओं के सुंदर मिश्रण में लिखी गई है।
श्रीराम-स्तुति | Shree Ram Stuti
॥ दोहा ॥ |
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं। |
नवकंज-लोचन, कंज-मुख, कर-कंज पद कंजारुणं॥ |
कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील-नीरद सुंदरं। |
पट पीत मानहु तड़ित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं॥ |
भजु दीनबंधु दिनेश दानव-दैत्यवंश-निकंदनं। |
रघुनंद आनँदकंद कोशलचंद दशरथ-नंदनं॥ |
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अंग बिभूषणं। |
आजानुभुज शर-चाप-धर, संग्राम-जित-खरदूषणं॥ |
इति वदति तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मन-रंजनं। |
मम हृदय-कंज निवास कुरु, कामादि खल-दल-गंजनं॥ |
मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर साँवरो। |
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥ |
एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय सहित हियँ हरषीं अली। |
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥ |
सोरठा जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे॥ ॥ सियावर रामचन्द्रकी जय ॥
हनुमान चालीसा से पहले क्यों पढ़े राम स्तुति? | Why should we read Shree Ram Stuti before Hanuman Chalisa?
हनुमान जी श्री राम के अनन्य भक्त थे। उनका पूरा जीवन भगवान श्री राम की सेवा, भक्ति और उनके कार्य सिद्धि में व्यतीत हुआ है। उन्हें भगवान श्री राम की महिमा, गुणों, दयालुता का गुणगान करना बहुत अधिक प्रिय है। जो कोई भी श्री राम की महिमा का गुणगान करता है, हनुमान जी उस पर अति शीघ्र प्रसन्न होते है। हनुमान जी को अपनी महिमा की जगह श्री राम की महिमा गुणगान करना और श्रवण करना कहीं अधिक प्रिय है।
गोस्वामी तुलसीदास जी कृत Shree Ram Stuti भगवान श्री राम की महिमा का गुणगान करती एक बहुत ही सुन्दर और मधुर कृति है। इसलिए अगर हम हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले अगर राम स्तुति का पाठ करते है तो हनुमान जी उस भक्त पर अति शीघ्र प्रसन्न होते है और उस भक्त की मनोवांछित इच्छा को पूरा करते है।
निष्कर्ष | Conclusion
Shree Ram Stuti केवल एक स्तुति नहीं है, बल्कि भक्ति, विश्वास और साधना का प्रतीक है। जब भी जीवन में अंधकार छा जाए, मन डगमगाए, श्री राम स्तुति का सहारा लेकर भगवान श्री राम का स्मरण कीजिए, हनुमान जी आपको सहारा देने, आपकी रक्षा करने और मनोवांछित फल देने के जरूर आएंगे। Shree Ram Stuti के द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति बनी रहे।
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